–रितेश कश्यप
गोला | रामगढ़ जिले गोला क्षेत्र के अंचल कार्यालय में भ्र्ष्टाचार निरोधक ब्यूरो ( एसीबी ) हज़ारीबाग़ की टीम नें कार्रवाई करते हुए राजस्व कर्मचारी सह अंचल अमीन बासुदेव प्रसाद को 10 हजार रुपए घुस लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया है।
पता चला की कुसुमडीह के रहने वाले मो0 इलियास अंसारी अपने जमीन का दाख़िल –ख़ारिज कराने के लिए उक्त राजस्व कर्मचारी के पास विगत कई महीनों से
चक्कर काट रहा था। मगर उसका काम नहीं हुआ जबकि इलियास अंसारी ने कुछ समय पहले भी एक हज़ार रूपये घुस दे चूका
था ,बावजूद इसके उक्त कर्मचारी ने 10 हजार रुपए की रिश्वत और माँगी । अंत में परेशान होकर मो0 इलियास अंसारी नें इसकी जानकारी भ्र्ष्टाचार निरोधक ब्यूरो ( एसीबी ) हज़ारीबाग़ को दिया , एसीबी की टीम ने योजना बनाकर राजस्व कर्मचारी सह अमीन बासुदेव प्रसाद को केमिकल लगा 10 हज़ार रूपये आवेदक के हाथ में लेते रंगेहाथों गिरफ्तार किया।
चक्कर काट रहा था। मगर उसका काम नहीं हुआ जबकि इलियास अंसारी ने कुछ समय पहले भी एक हज़ार रूपये घुस दे चूका
था ,बावजूद इसके उक्त कर्मचारी ने 10 हजार रुपए की रिश्वत और माँगी । अंत में परेशान होकर मो0 इलियास अंसारी नें इसकी जानकारी भ्र्ष्टाचार निरोधक ब्यूरो ( एसीबी ) हज़ारीबाग़ को दिया , एसीबी की टीम ने योजना बनाकर राजस्व कर्मचारी सह अमीन बासुदेव प्रसाद को केमिकल लगा 10 हज़ार रूपये आवेदक के हाथ में लेते रंगेहाथों गिरफ्तार किया।
यह घटना आग की तरह पुरे जिले में फ़ैल गयी जिसके बाद जिले सभी सरकारी
कर्मचारियों में दहशत फ़ैल गयी ।
कर्मचारियों में दहशत फ़ैल गयी ।
अपनी बात
अक्सर देखा जाता है की इस तरह की घटना के बाद कुछ दिनों तक सभी लोग
ईमानदारी से काम तो करते हैं मगर धीरे धीरे जब सब कुछ सामान्य हो जाता तो वापस उसी
रंग में रंग जाते है।
ईमानदारी से काम तो करते हैं मगर धीरे धीरे जब सब कुछ सामान्य हो जाता तो वापस उसी
रंग में रंग जाते है।
किसी भी काम में परेशानी झेलने की बाद जनता यही सोचती है की कुछ ले
दे कर काम निकाल लेते हैं । मगर यही लेने देने के चक्कर में अधिकारीयों और
कर्मचारियों लालच बढ़ जाता है और जब उनकी डिमांड ज्यादा हो जाति है तो जनता उन्हें ही
फ़साने का काम भी करने लगती है ।
दे कर काम निकाल लेते हैं । मगर यही लेने देने के चक्कर में अधिकारीयों और
कर्मचारियों लालच बढ़ जाता है और जब उनकी डिमांड ज्यादा हो जाति है तो जनता उन्हें ही
फ़साने का काम भी करने लगती है ।
अब इसी केस में इलियास ने उक्त कर्मचारी को पहले भी 1000 रु का घुस
दिया था मगर जब उससे और अधिक रुपयों की मांग की गयी तो उसने एसीबी से संपर्क कर
उसे पकड़वाना ज्यादा उचित समझा, जबकि इलियास को जब 1000रु की मांग की गयी थी उसे उसी
वक्त एसीबी को बता देना था मगर उसने ऐसा नहीं किया।
दिया था मगर जब उससे और अधिक रुपयों की मांग की गयी तो उसने एसीबी से संपर्क कर
उसे पकड़वाना ज्यादा उचित समझा, जबकि इलियास को जब 1000रु की मांग की गयी थी उसे उसी
वक्त एसीबी को बता देना था मगर उसने ऐसा नहीं किया।
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