Ritesh kashyap
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रामगढ : पहला दिन कार्तिक शुक्ल चतुर्थी ‘नहाय-खाय’ के रूप में मनाया जाता है। सबसे पहले घर की सफाई कर उसे पवित्र किया जाता है। इसके पश्चात छठव्रती स्नान कर पवित्र तरीके से बने शुद्ध शाकाहारी भोजन ग्रहण कर व्रत की शुरुआत करते हैं। घर के सभी सदस्य व्रति के भोजनोपरांत ही भोजन ग्रहण करते हैं। भोजन के रूप में कद्दू-दाल और चावल ग्रहण किया जाता है। यह दाल चने की होती है।
लोहंडा और खरना (12/11/2018)
कार्तिक शुक्ल पंचमी यानि आज के दिन को छठ व्रती दिनभर का उपवास रखने के बाद शाम को भोजन करते हैं। इसे “लोहंडा” या ‘खरना’ कहा जाता है। खरना का प्रसाद लेने के लिए आस-पास के सभी लोगों को निमंत्रित किया जाता है। प्रसाद के रूप में गुड और चावल के बने हुए खीर के साथ दूध, चावल का पिट्ठा और घी चुपड़ी रोटी बनाई जाती है। इसमें नमक या चीनी का उपयोग नहीं किया जाता है। इस दौरान पूरे घर की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता है।
रामगढ में हर जगह छठ व्रत को लेकर हर्षौल्लास का माहौल है । छठ पूजा को लेकर हर जगह साफ सफाई की व्यवस्था की गयी है ताकि छठ व्रतियों को कोई तकलीफ का सामना ना करना पड़े और श्रद्धालुओं की पवित्रता बनी रहे। रामगढ में सभी छठ घाटों की साफ़ करवाइ जा रही है । छठ घाट ककी साफ़ सफाई हेतु रामगढ कैंटोनमेंट बोर्ड एवं रामगढ की सभी छठ पूजा समिति तन मन धन से लगी हुई है जिसमे प्रशाशन भी पूरा सहयोग कर रही है है।
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