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ड्रोन : 'मेड इन हज़ारीबाग '

ड्रोन इकोसिस्टम में झारखंड का ऐतिहासिक पदार्पण, जयंत सिन्हा जी के प्रयासों से रामगढ़ में बच्चों ने उड़ाये ‘मेड इन हज़ारीबाग ड्रोन’

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश के गाँव, देश के ज़िले व देश बदल रहा है और एक ‘न्यू इंडिया’ का निर्माण हो रहा है।

माननीय केंद्रीय नागर विमानन राज्यमंत्री सह हज़ारीबाग सांसद श्री जयंत सिन्हा जी के नेतृत्व में विमानन क्षेत्र नित नए आयाम गढ़ रहा है। इस क्षेत्र को ड्रोन के आविष्कार ने एक नई दिशा दी है। विश्व के अग्रणी देशों में जहाँ ड्रोन के व्यावसायिक प्रयोग की शुरुआत हो चुकी है वहीं भारत में भी ड्रोन ‘क्रांति’ दस्तक दे रही है।

  • भारत में ड्रोन ईकोसिस्टम की शुरुआत से बदलेगा परिदृश्य

भारत में ड्रोन क्रांति का श्रेय श्री जयंत सिन्हा जी को जाता है जिन्होंने ना सिर्फ ड्रोन ईकोसिस्टम का स्वप्न देखा बल्कि उसे साकार भी कर रहे हैं। उनके प्रयासों के फलस्वरूप 1 दिसंबर 2018 से ड्रोन के लिए पंजीकरण की औपचारिक शुरुआत हो चुकी है।

उन्होंने बताया कि उड्डयन मंत्रालय वर्षों से ड्रोन इकोसिस्टम के निर्माण हेतु प्रयासरत था, जो अब साकार रूप ले रहा है और जनता के बीच व्यक्तिगत व व्यावसायिक स्तर पर प्रस्तुत होने को तैयार है। देश में ड्रोन ईकोसिस्टम का निर्माण संभव व सफ़ल होने से तकनीकी सुविधाओं का परिदृश्य बदलने वाला है।

  • क्या हैं ड्रोन और कैसे देंगे लाभ

ड्रोन उड्डयन तकनीक की वह भेंट है जो आने वाले समय में हवाई सेवा में नए आयाम जोड़ने वाली है। ड्रोन मानवरहित विमान है जिसे किसी उड़ने वाले रोबोटिक कार की तरह समझा जा सकता है। यह स्वचालित भी होते हैं तथा पायलट द्वारा भी कंट्रोल किये जा सकते हैं। विश्व भर में कई देश ड्रोन का व्यक्तिगत व व्यावसायिक प्रयोग शुरू कर चुके हैं और अब भारत में भी इसकी औपचारिक शुरुआत हो चुकी है।

  • ड्रोन के कई उपयोग हो सकते हैं जिनमें निम्नलिखित मुख्य हैं

1) ‘ऑर्गन ट्रांसपोर्ट’ – ऑर्गन बैंक से अस्पताल तक प्रत्यारोपण हेतु मानव-अंगों का सहज परिवहन
2) ‘आपदा प्रबंधन’ – आपदा के समय सुविधा पहुँचाने में सक्षम
3) ‘सुरक्षा’ – देश व नागरिकों की सुरक्षा हेतु ड्रोन कैमरा के माध्यम से निगरानी
4) ‘हवाई सर्वे’ – कृषि व अन्य क्षेत्रों में हवाई सर्वे में सुविधा
5) व्यावसायिक व व्यक्तिगत प्रयोग – एरियल फ़ोटो, सर्वे, प्रोडक्ट डिलीवरी समेत अन्य उपयोग

  • झारखंड का ड्रोन इकोसिस्टम में ऐतिहासिक पदार्पण, स्कूल के बच्चों ने की शुरुआत

श्री जयंत सिन्हा जी ने झारखंड और अपने संसदीय क्षेत्र के प्रति अपना प्रेम व्यक्त करते हुए रामगढ़ को भी इस ड्रोन क्रांति से जोड़कर यहाँ के निवासियों को एक अकल्पनीय भेंट दी है। इसकी ऐतिहासिक शुरुआत किसी वैज्ञानिक प्रयोगशाला में नहीं बल्कि एक स्कूल में बच्चों के हाथों की गई। अपने प्रिय सांसद के नेतृत्व में रामगढ़ स्थित गुरुनानक स्कूल के बच्चों ने स्वनिर्मित ड्रोन उड़ा कर अपना और झारखंड का नाम इतिहास में दर्ज कर लिया। बच्चों के लिए भी यह अचरच का विषय रहा कि कल तक दिवास्वप्न की तरह लगने वाली यह घटना कोई साइंस फिक्शन फ़िल्म नहीं है बल्कि सत्य है।

गौरतलब है कि श्री जयंत सिन्हा जी बच्चों और युवाओं के उत्थान के लिए उनके नेतृत्व में समय-समय पर कई कार्यशालाओं व प्रतियोगिताओं का आयोजन होता रहता है जिससे बच्चों की प्रतिभा को बल मिले और खेल, शिक्षा, कला, तकनीक समेत अन्य क्षेत्रों में उनका सर्वांगीण विकास हो सके।

इस क्रम में रामगढ़ के बच्चों के लिये इस कार्यशाला का आयोजन ऐतिहासिक रहा। बच्चों ने प्लूटो नामक डी.आई.वाई. (डू इट योरसेल्फ) किट के माध्यम से स्वयं ड्रोन की संरचना, उसके निर्माण व उड़ाने की तकनीक सीखी। यह किट पूर्णता प्रोग्रामेबल अर्थात नियंत्रणीय है जिसका अर्थ है कि बच्चे न सिर्फ ड्रोन बनाना व उड़ाना सीख सकते हैं बल्कि रियल वर्ल्ड एप्लीकेशन के निर्माण की उनकी यात्रा को गति देने में भी यह सहायक हो सकती है। सभी बच्चे अपने प्रिय सांसद के साथ अपनी ‘मेड इन हज़ारीबाग ड्रोन’ उड़ा कर बेहद प्रसन्न नज़र आये।

  • जयंत बाबू की मास्टरक्लास में बच्चों ने सीखे नेतृत्व के गुण, जाना तकनीक का महत्व

ड्रोन कार्यशाला के उपरांत बच्चों ने अपने प्रिय सांसद से संवाद भी किया। जयंत बाबू की मास्टरक्लास नामक इस अनूठी पहल से अब तक देश के प्रतिष्ठित विद्यालयों और महाविद्यालयों के बच्चे लाभान्वित होते आये हैं जिनमें आई.आई.टी. व आई.आई.एम. भी शामिल हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया, हारवर्ड बिज़नेस स्कूल व आईआईटी दिल्ली से डिग्री प्राप्त श्री जयंत सिन्हा जी की शैक्षणिक योग्यता के साथ-साथ वित्तिय, विज्ञान व तकनीक समेत अन्य क्षेत्रों में उनके विस्तृत अनुभव का लाभ बच्चों को मिलना उनके लिए एक तोहफ़े से कम नहीं था।

श्री जयंत सिन्हा जी ने बच्चों को नेतृत्व क्षमता विकसित करने की सलाह दी और साथ ही तकनीक के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने विज्ञान व वाणिज्य के संयोग से देश व समाज को होने वाले फायदों पर बच्चों को आलोकित किया। ड्रोन निर्माण सीखने के साथ ही व्यक्तित्व का विकास सीखने के लिए यह एक ऐतिहासिक मौका रहा जिसका सभी बच्चों ने भरपूर लाभ उठाया।

लेख : सिद्धार्थ जैन

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राष्ट्र समर्पण एक राष्ट्र हित में समर्पित पत्रकार समूह के द्वारा तैयार किया गया ऑनलाइन न्यूज़ एवं व्यूज पोर्टल है । हमारा प्रयास अपने पाठकों तक हर प्रकार की ख़बरें निष्पक्ष रुप से पहुँचाना है और यह हमारा दायित्व एवं कर्तव्य भी है ।

By Rashtra Samarpan

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