रांची। महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय में दोनों महापुरुषों की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर क्षिति भूषण दास ने कहा कि झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय में जल्द ही महात्मा गांधी अध्ययन केंद्र की शुरुआत की जाएगी।ताकि गांधीजी के विचारों पर आधारित शैक्षणिक विमर्श संभव हो सके। उनकी शोध परक विचारों से हम अवगत हो सकें। इसके तहत विश्वविद्यालय ऐसे विद्वानों को विमर्श के लिए बुलाएगी जो गांधी के सपनों को साकार करने में मील का पत्थर साबित हो सके।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री के विचार आज भी प्रासंगिक हैं। गांधीजी के सर्वोदय का विचार तथा लाल बहादुर शास्त्री जी का जय जवान और जय किसान का उद्बोधन भारत की आत्मनिर्भरता का द्योतक है। एक समय था जब भारत खाद्यान्न पर आत्मनिर्भर नहीं था। लेकिन आज भारत खाद्यान्न पर आत्मनिर्भर हो चुका है। इसका श्रेय लाल बहादुर शास्त्री जी को ही जाता है। गांधीजी का सपना अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना आज सबका साथ और सबका विकास के नारे के साथ देश के जनमानस तक पहुंच पा रहा है। सर्वोदय, स्वाबलंबन, स्वदेशी, सद्भावना जैसी कल्पना गांधी को आज भी प्रासंगिक बनाती है।
इस अवसर पर संगीत विभाग की सहायक प्राध्यापिका डॉक्टर दीपिका श्रीवास्तव तथा उनके दल के द्वारा रामधुन का गायन किया गया। इस कार्यक्रम में कुलसचिव प्रोफेसर एस एल हरि कुमार, निदेशक आइक्यूएसी प्रोफेसर आरके डे, प्रोफेसर मनोज कुमार, विद्यार्थी कल्याण अधिष्ठाता डॉ मनोज कुमार, उप कुलसचिव लेफ्टिनेंट कमांडेंट उज्जवल कुमार, जनसम्पर्क अधिकारी नरेंद्र कुमार सहित अध्यापकगण, और छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। इस अवसर पर सहायक कुलसचिव डॉ शिवेंद्र प्रसाद ने मंच संचालन किया।
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