एक तरफ कोरोना महामारी के कारण देश आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। लगातार बेरोजगारों की फौज बढ़ता जा रहा है ,तो दूसरी तरफ अधिकारियों एवं माफियाओं एवं अपराधियों के गठजोड़ से जिले के अंदर माफियाओं के द्वारा कई हथकंडे अपनाए जा रहे हैं : भुनेश्वर मेहता (पूर्व सांसद )
रामगढ़ जिले के कुजू, बरकाकाना, भुरकुंडा , रेलवे साइडिंग मे जिला खनन पदाधिकारी और ट्रांसपोर्टर की मिलीभगत से रामगढ के उपायुक्त के आदेशों का खुलेआम धज्जियाँ उड़ा कर अवैध ट्रांसपोर्टिंग किया जा रहा है । रामगढ़ जिले के कुजू, बरकाकाना, भुरकुंडा , रेलवे स्टेशनों पर बने डंपिंग यार्ड से बड़े पैमाने पर हाईवा एवं बड़े बड़े गाड़ियों के द्वारा कोयला एवं आयरन और की ढूलाई की जा रही है और प्रशाशन मौन स्वीकृति देकर अवैध ट्रांसपोर्टिंग को बढ़ावा दे रही है ।
उन्होंने आगे कहा की रेलवे साइडिंग से बगैर की चालान के कोयले की ढूलाई कर माल कारखानों तक लाया जा रहा है ।इसके एवज में कारखाना प्रबंधन की ओर से एक मामूली सी स्लीप देकर खानापूर्ति कर दिया जाता है । श्री मेहता ने बताया की अभी हाल में ही रामगढ़ जिला उपायुक्त के द्वारा अवैध ट्रांसपोर्ट रोकने के लिए विज्ञापन जारी किया गया कि , झारखंड मिनरल्स प्राइवेट लीगल माइनिंग ट्रांसपोर्टेशन रूल्स 2017 के प्रावधानों के अनुसार बृहद एवं लघु खनिज का परिवहन जेआईएमएमएस पोर्टल से निर्गत वैद्य चालान के माध्यम से किया जाना है। बिना पोर्टल के अवैध परिवहन चालान के खनिजों का परिवहन किसी भी स्तर का उपरोक्त प्रावधान का विरोध दंडात्मक एवं कार्रवाई अनिवार्य होगा। बावजूद इसके जिला खनन पदाधिकारी के मीली भगत से यह अबैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा रहा है । जिले के सभी रेलवे साइडिंग में इसी तरह के कारोबार उच्च अधिकारियों, माफियाओं , कारखाना मालिकों के मिलीभगत कर चलाया जा रहा है। इतना ही काफी नहीं है साइडिंग से कारखाना तक जाने के लिए ओवरलोड गाड़ी का इस्तेमाल किया जाता है । उक्त बाते भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव हजारीबाग के पूर्व सांसद कामरेड भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने शनिवार को रांची जाने के क्रम में कुजू मे प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा।
उन्होंने कहा कि रामगढ़ जिले में उपायुक्त के आदेश की अहमियत ही नहीं रह गयी, बेख़ौफ़ होकर उनके आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। उन्होंने बताया की गोला में उपायुक्त के द्वारा अवैध ट्रांसपोर्टिंग पर संज्ञान लिया था जिसके बाद एक आशा की किरण जगी थी पर अन्य रेलवे साइडिंग पर सबकुछ पुर्वरत ही जारी है। इससे साफ जाहिर होता है की पदाधिकारियों की मिलीभगत होना स्वाभाविक है।
जिले के कई बड़े कारखानो में महीने में दो सौ से अधिक माल गाड़ियों के माध्यम से कोयला और आयरन ओर की ढुलाई हो रही है। जिले में 200 से अधिक रेकों की आपूर्ति सीसीएल के द्वारा कारखानों में जा रही है। साथ ही छोटे बड़े कारखाने में आपूर्ति की जाती है। अभी हाल में ही राज्य सरकार पहले सीसीएल को रेक के द्वारा कोयले के परिवहन के लिए फोरम डी निर्गत करने का सख्त निर्देश दिया है जबकि इस आदेश को भी ठन्डे बस्ते में डाल दिया गया ।
उन्होंने प्रशासन को इस संदर्भ में त्वरित कारवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से इस पर भी रोक लगाने को कहा।। श्री मेहता ने कहा कि बहुत जल्द राज्य के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, खनन सचिव एवं परिवहन मंत्री प्रदूषण नियंत्रण परिषद के अध्यक्ष एवं सचिव से मिलकर अवैध कारोबार पर रोक लगाने के लिए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रतिनिधिमंडल मांग पत्र समर्पित करेगी । अन्यथा बाध्य होकर आंदोलन की रूपरेखा तय किया जाएगा ।