Fri. Oct 18th, 2024

टीपू सुल्तान का महिमामंडन या तुष्टिकरण ?

नमस्कार मित्रों,

आज टीवी पर डिबेट देख रहा था और डिबेट का विषय था टीपू सुल्तान का जन्मदिन।

बड़ा ही अजीब लगता है की हम भारत के लोग टीपू सुल्तान के विषय में बहस कर रहे हैं और बहस में दोनों और यही इसी भारत के लोग रहते हैं एक समर्थन में रहता है और एक विरोध में। सबसे पहले तो मुझे यह समझ ही नहीं आ रहा था की टीपू सुल्तान जैसे लोगों का भी एक समूह समर्थन करता है बावजूद इसके की उसने इस समाज पर कितने अत्याचार कितने जुल्म और सितम ढाए। पूरे घटनाक्रम को अगर करीब से देखने का प्रयास करेंगे तो दिखाई देगा की यहां तो सिर्फ और सिर्फ राजनीति है और वह भी गंदी राजनीति और इसमें शामिल होने वाले कुछ मीडिया हाउस और राजनीतिक दल दोनों का समावेश है।
कर्नाटक के मैसूर रियासत का राजा टीपू सुल्तान था। कहा जाता है की इतिहास हमेशा विजेता के द्वारा ही लिखा जाता है और आज की घटना क्रम कल के लिए इतिहास बन जाता है।
मगर एक तबका जो सिर्फ और सिर्फ इतिहास को और इतिहास के तथ्यों को तोड़ने और मरोड़ने में लगा हो तो इतिहास एक कहानी बनकर रह जाती है और वह किसी काम की नहीं रहती।
ऐसा ही कुछ टीपू सुल्तान और उसके इतिहास को लेकर हो चुका है। ऐसा सिर्फ टीपू सुल्तान के लिए ही नहीं हुआ ऐसा सभी मुगल शासकों के साथ हुआ है।
ऐसे शासकों के द्वारा जो अच्छा हुआ उसे खूब बढ़ा चढ़ाकर दिखाया गया मगर जो भी उन्होंने अन्याय किया दुराचार किया उस इतिहास के पन्ने को दफना दिया गया।
कुछ ऐसा ही टीपू सुल्तान के इतिहास में हुआ । कहां जाता है कि 4 मई 1799 में ब्रिटिश फौज ने टीपू सुल्तान की हत्या कर दी मगर यह नहीं बताया जाता की मैसूर रियासत का सुल्तान ब्रिटिश सरकार से समझौता करके ही बनाया गया था।
कहा जाता है की मैसूर के लिए टीपू सुल्तान में कई लड़ाइयां लड़ी मगर यह नहीं बताया जाता की किस प्रकार कर्नाटक की मातृभाषा कन्नड़ को बदलकर फारसी कर दिया गया और वहां के कितने हिंदू मंदिरों को तोड़ा गया कितने ईसाइयों को मारा गया कितने हिंदुओं के साथ कत्लेआम किया गया, ताकि उसका जिहाद चालू रहे और काफिरों पर फतेह का परचम लहराता रहे।
कर्नाटक में काफी अधिक संख्या में हिंदू लोग रहा करते थे और लगभग एक लाख से भी ज्यादा हिंदुओं का जबरन धर्मांतरण करवाया गया और जो हिंदू अपने धर्म से विमुख नहीं हो रहे थे उन्हें कत्ल करने का आदेश टीपू सुल्तान ने पहले ही दे रखा था। हिंदू महिलाओं के साथ अत्याचार बलात्कार के कई किस्सों को इतिहासकारों ने छुपा लिया और छुपाने की बात तो दूर इसको किसी भी जगह पर उजागर नहीं होने के लिए हर प्रयास किया गया। हिंदू माताओं के सामने उनके बच्चों को मारकर उन्हीं के गले में लटका कर घुमाया गया जो सोच कर ही अत्यंत भयावह प्रतीत हो रहा है। कितनी ही नौजवान लड़कियों के साथ हर बुरी हरकत की गई जो इंसानियत को शर्मसार कर सकती है।
टीपू सुल्तान की अत्याचारों की कहानी हिंदुओं तक ही सीमित नहीं है उसके अत्याचार तो ईसाई धर्म के मानने वालों के साथ भी रहा। 70 हजार से भी ज्यादा ईसाइयों को मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया गया। और जिन्होंने उनके इस फरमान का विरोध किया उसका क़त्ल कर दिया गया।

कुछ सालों पहले कांग्रेस का ही शासन काल था टीपू सुल्तान के महिमामंडन करने के लिए दूरदर्शन पर उसके नाम पर एक धारावाहिक चलाया गया ताकि लोगों में टीपू सुल्तान के प्रति सम्मान का भावना जगे और लोग उसे स्वतंत्रता सेनानी के रूप में देखने का प्रयास करें।
कुछ राजनीतिक दल के लिए टीपू सुल्तान हो या औरंगजेब उनके नजर में सब के सब भारत के हितैषी रहे हैं, क्योंकि उन लोगों को ऐसा लगता है कि अगर हम ऐसे क्रूर शासकों का भी महिमामंडन करेंगे तो शायद उन्हें मुस्लिम समर्थन देंगे और इसी बहाने उनकी तुष्टीकरण की नीति कामयाब हो जाएगी।
अब तो ऐसा लग रहा है की वह दिन दूर नहीं जब याकूब मेमन की जयंती या फिर ओसामा बिन लादेन की जयंती मनाने के लिए लोग आगे आ जाएंगे और जो लोग आगे आएंगे उनके समर्थन में तुष्टिकरण हेतु कुछ राजनीतिक दल उनका साथ देने से नहीं कतराएंगे और हम भारत के लोग किसी चैनल पर डिबेट देख रहे होंगे।

लेख : रितेश कश्यप

साभार : http://www.riteshkashyap.in/2018/11/Tipu-sulatan-hidden-fact.html

राष्ट्र समर्पण का youtube चैनल को जरूर saubscribe करने के लिए Click Here

Website | + posts

राष्ट्र समर्पण एक राष्ट्र हित में समर्पित पत्रकार समूह के द्वारा तैयार किया गया ऑनलाइन न्यूज़ एवं व्यूज पोर्टल है । हमारा प्रयास अपने पाठकों तक हर प्रकार की ख़बरें निष्पक्ष रुप से पहुँचाना है और यह हमारा दायित्व एवं कर्तव्य भी है ।

By Rashtra Samarpan

राष्ट्र समर्पण एक राष्ट्र हित में समर्पित पत्रकार समूह के द्वारा तैयार किया गया ऑनलाइन न्यूज़ एवं व्यूज पोर्टल है । हमारा प्रयास अपने पाठकों तक हर प्रकार की ख़बरें निष्पक्ष रुप से पहुँचाना है और यह हमारा दायित्व एवं कर्तव्य भी है ।

Related Post

error: Content is protected !!