झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देशानुसार शनिवार को स्थानीय व्यवहार न्यायालय में लोक अदालत का गठन किया गया। लोक अदालत में ज्यादा से ज्यादा मामलों के निपटारे के लिए चार अलग अलग बेंचों का गठन किया गया था। जिला एवं सत्र न्यायाधीश विधान चंद्र चौधरी, जिला जज बबीता प्रसाद, संजय प्रताप, ओम प्रकाश, रजनीकांत पाठक, चीफ ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट धर्मेंद्र कुमार सिंह, ए सी जी एम अभिमन्यु कुमार, जुडिशल मजिस्ट्रेट प्रेमशंकर, राकेश रोशन, एसडीजेएम आरती माला, पीएलए चेयरमैन ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर लोक अदालत का विधिवत उद्घाटन किया। लोक अदालत में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक, केनरा बैंक सहित जिले के अन्य बैंकों ने वादों के निपटारे के लिए अपने काउंटर लगाए थे। लोक अदालत में विभिन्न बैंकों के बकायेदारों के 147 मामलों का निष्पादन किया गया। जिन से लगभग डेढ़ करोड़ रुपए के वसूली की गई। क्रिमिनल केसों के 28 मामलों का निष्पादन किया गया जिससे लगभग 28000 रूपये वसूले गए। बिजली विभाग के 8 मामलों का निष्पादन किया गया जिनसे सरकार को 62000 रूपये की राजस्व प्राप्ति हुई। एन आई एक्ट के एक मामले का निष्पादन किया गया और ₹40000 वसूले गए। सिविल केस से संबंधित एक मामले का निष्पादन किया गया जिससे ₹61500 की आमदनी हुई। बीएसएनएल के दो मामलों का निष्पादन किया गया और लगभग 12 हजार रुपए वसूले गए। इससे पहले कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश विधान चंद्र चौधरी ने पक्षकारों और अधिवक्ताओं से लोक अदालत में ज्यादा से ज्यादा वादों के निपटारा करने और न्यायालयों का बोझ कम करने कि अपील की। जिला न्यायाधीश रजनीकांत पाठक ने कहा राष्ट्रीय लोक अदालत नालसा की धरोहर है। लोक अदालतों का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा वादों का निपटारा करना है। उन्होंने कहा हम सभी का कर्तव्य है राष्ट्रीय लोक अदालत में ज्यादा से ज्यादा वादों का निपटारा करें। डालसा सचिव शेखर कुमार ने उपस्थित सभी लोगों का अभिवादन किया और कार्यक्रम के समापन के पश्चात धन्यवाद ज्ञापन किया।
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