–रितेश कश्यप
रामगढ़। कुछ दिनों पहले हिंदू देवी देवताओं का अपमान करने वाले आनंद केटीआर नाम के व्यक्ति ने फेसबुक पर मां दुर्गा के नाम पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर सामाजिक सद्भावना बिगाड़ने का प्रयास किया था। इसी को लेकर हिंदू समाज पार्टी के छात्र नेता एवं प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र मिश्रा ने गुरुवार को रामगढ़ थाने में एक आवेदन दिया जिसमें आनंद केटीआर नामक व्यक्ति द्वारा मां दुर्गा पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने एवं दंगे करवाने का साजिश का आरोप लगाया। रामगढ़ पुलिस ने रामगढ़ एसपी प्रभात कुमार के निर्देश पर मामले को संज्ञान लेते हुए त्वरित कार्रवाई की और आरोपी को गिरफ्तार कर चालान कर दिया गया। इस संबंध में जितेंद्र मिश्रा ने कहा कि ऐसे लोगों पर प्रशासन और सरकार को कठोर से कठोर कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि कोई भी हिंदू अपने देवी-देवताओं का अपमान नहीं सह सकता। सनातन धर्म के अंदर मां दुर्गा हम सभी के लिए पूजनीय है एवं सारे हिंदुओं की आस्था का केंद्र मां दुर्गा है। अभी नवरात्र का समय चल रहा है और इस समय मां दुर्गा पर आपत्तिजनक टिप्पणी करना कहीं से भी जायज नहीं हो सकता और ऐसे व्यक्तियों को सलाखों के पीछे भेजने के लिए हिंदू समाज और अन्य हिंदू संगठन सदैव तत्पर रहेगी।
बताते चलें कि आनंद कटियार की फेसबुक पर दिए गए आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद जितेंद्र मिश्रा ने झारखंड पुलिस को टैग कर कार्यवाही की मांग की। साथ ही हिंदू जागरण मंच और हिंदू रक्षा दल द्वारा इस मामले को ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार और प्रशासन तक पहुंचाने का प्रयास किया गया। हिंदू जागरण मंच और हिंदू रक्षा दल के नेताओं द्वारा हिंदू समाज पार्टी के इस कदम का स्वागत करते हुए समर्थन किया।
अपनी बात
आज भारत के अन्दर समाज दो हिस्सों में बंटता दिखाई दे रहा रहा है। एक समाज जो अपने आप को सेक्युलर कहता वहीँ दूसरा समाज जो अपने आप को हिन्दू कहता है। सेक्युलर की परिभाषा की अगर वर्तमान के परिपेक्ष्य में देखा जाए तो यही बन गया की आप तभी सेक्युलर हो सकते हैं जब आप हिन्दू धर्म से घृणा करते हैं। जिस हिन्दू धर्म के मूल में ही धर्म और पंथ निरपेक्षता रची बसी है उसे ही आज धर्म निरपेक्षता के वर्ग से दूर कर दिया गया है। निसंदेह इसे बढ़ावा देने का काम हमारे देश के राजनैतिक लोग ही कर रहे हैं। इसका मात्र एक कारण है और वह यह की भारत में हिन्दू आपस में ही बंटे हुए हैं वह चाहे जाती के नाम हो या फिर संस्कृति के नाम पर। सरकार या प्रशाशन को इन विषयों पर कड़े कानून बनाने की जरुरत है जहाँ कोई भी धर्म का व्यक्ति किसी भी अन्य धर्मों के बारे में आपत्तिजनक टिपण्णी करता तो उस पर त्वरित संज्ञान लेकर कड़ी से कड़ी कार्यवाई करनी चाहिए।
सुलगते सवाल
# आखिर कब तक अपने राजनैतिक स्वार्थों की पूर्ति के लिए हमारे ही देश के लोगों को बरगलाया जाता रहेगा?
# किसी भी धर्म पर आपत्ति जनक टिपण्णी के लिए सरकार द्वारा ही कड़े कदम क्यों नहीं उठाई जाती है ?
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