—रितेश कश्यप
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूरे विश्व का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन है । इसके स्वयंसेवक अपने सेवा कार्यों की वजह से हमेशा जाने जाते रहे हैं। कहीं बाढ़ आ गई हो या फिर कोई आपदा आ गई हो, कहीं पर कोई बड़ी दुर्घटना घट चुकी हो संघ के स्वयंसेवक बिना किसी लोग लालच और सम्मान के सेवा कार्य में स्वयं से प्रेरित होकर लग जाते हैं। इस मामले में संघ के स्वयंसेवकों का कहना है कि उनके द्वारा किया गया कोई भी सेवा कार्य का वह लोग कभी भी प्रचार-प्रसार नहीं करते। उनका कहना है कि कोई भी व्यक्ति अपने माँ बाप भाई बहन का कोई कार्य करता है तो वो उसका प्रचार नहीं करता क्योंकि वो उसका कर्त्तव्य है ठीक वैसे ही भारत माता और भारत के रहने वाले सभी लोग उनके परिवार हैं तो उनके लिए किये गए कार्यों का प्रचार प्रसार क्यों?
इसी दौरान ऐसा ही एक मामला रामगढ़ के कुजू में देखने को मिला। रामगढ़ के कुजू ट्रांसपोर्ट नगर में 80 वर्ष के बुजुर्ग ( रामजीवन प्रसाद सोनी ) 2 दिनों से बिना खाए पिए अपने परिवार से बिछड़ कर एक कोने में जख्मी हालत में बैठे थे। वहां से गुजर रहे संघ के स्वयंसेवक रिषभ, गोपाल सुमित और कुंदन ने उन्हें इस हालत में देख कर रुक गए और उनसे बात करने की कोशिश की। पिछले 2 दिनों से भूखे होने की वजह से वह कुछ भी बोल पाने में असक्षम थे। वहां मौजूद स्वयंसेवकों ने बूढ़े बाबा को भोजन कराया और उनका नाम और पता जानने की कोशिश की। बड़ी मुश्किल से उन्होंने बताया कि उनका नाम रामजीवन प्रसाद सोनी है और उनका परिवार भुरकुंडा में रहता है। उन्हें कुछ भी पता नहीं कि वह यहां कैसे आए। सभी स्वयंसेवकों ने अपने अपने मोबाइल से उनका तस्वीर और विडियो बनाकर कुज्जू के ही रहने वाले रांची विभाग के बाल कार्य प्रमुख विश्वजीत को सपर्क कर सारी घटना की जानकारी दी। इसके बाद उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर डाल कर उनके परिवार वालों को खोजने की कोशिश की जाने लगी । फोटो वायरल होने के बाद यह तस्वीर राष्ट्र समर्पण को मिली तो राष्ट्र समर्पण ने उस तस्वीर को अपने सोशल प्रोफाइल पर डालकर लोगों से अपील किया ताकि किसी तरह से बुजुर्ग अपने परिवार वालों से मिल सके। इसी बीच वहां मौजूद संघ के स्वयंसेवकों ने रामगढ़ के सदर अस्पताल से एंबुलेंस बुलाकर उन्हें बेहतर इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया गया। सदर अस्पताल में अपने परिचित स्वयंसेवक नीरज कुमार से बोल कर उनके बेहतर इलाज की व्यवस्था की गई।
उधर जिले के सभी स्वयंसेवक और अन्य लोग उनके फोटो को वायरल कर उनके घर वालों का पता खोजने में लगे हुए थे । इसी बीच भुरकुंडा से समीर ने राष्ट्रसमर्पण के फेसबूक प्रोफाइल से बाबा का फोटो शेयर करते हुए अपना नंबर भी शेयर किया। समीर के नंबर पर भुरकुंडा के बोतल मोड़ निवासी बुजुर्ग के पोते विनय कुमार ने फोन कर बताया कि कि वह उनके दादाजी हैं और उन्हें भूलने की बीमारी है। उसके दादा अपनी बेटी रांची रोड स्थित अपने बेटी के घर गए हुए थे । वहीँ से 2 दिन पहले घर से बिना बाताये कहीं निकल गए और भटक गए थे। पिछले 2 दिनों से अपने दादाजी की तलाश में उनके घर वाले भी भटक रहे थे। इसी बीच फेसबुक पर उनकी फोटो देखकर समीर से संपर्क किया गया। समीर ने राष्ट्र समर्पण से संपर्क कर बुजुर्ग के परिजन की जानकारी दी और उन्हें सदर अस्पताल भेज दिया गया। बुजुर्ग के पोते विनय कुमार टेंपो चलाते हैं। उन्होंने बताया कि उनके दादाजी की उम्र लगभग 80 वर्ष हो चुकी है और उन्हें भूलने की बीमारी है। विनय ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक सहित उन सभी लोगों को धन्यवाद दिया जिन्होंने उनके दादाजी को सही सलामत सदर अस्पताल भेज दिया था।
ऐसा नहीं है कि स्वयंसेवकों द्वारा किया गया यह काम कोई पहली बार है। कोरोना महामारी के दौरान भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों द्वारा विपत्ति काल में लोगों की सेवा की जाती रही है। चाहे प्रवासी मजदूर के लिए भोजन की व्यवस्था करना हो या फिर गरीब परिवारों तक राशन पहुंचाने की बात हो संघ के स्वयंसेवक हर समय तैयार नजर आते रहे हैं।
रामगढ़ के कुजू में 2 दिनों से बिना खाए पिए भटक रहे थे 80 वर्ष के बुजुर्ग रामजीवन प्रसाद सोनी
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