रामगढ़। जब भी कहीं चुनाव नजदीक होता है चाहे वह देश का चुनाव हो राज्य का चुनाव हो या फिर छोटे से वार्ड का चुनाव, सियासत शुरू होना लाजमी है। आखिर हो भी क्यों नहीं चुनाव है भाई कई हथकंडे अपनाने पड़ते हैं।
क्या है पूरा मामला?
ऐसा ही एक मामला छावनी परिषद के अंतर्गत वार्ड नंबर 6 के जारा टोला में एक नए विवाद के रूप में सामने आया। रामगढ़ कॉलेज के पीछे का क्षेत्र जिसे पिछले कई सालों से शिवपुरी कॉलोनी के नाम से जाना जाता रहा है और पिछले महीने तक इस बात पर किसी भी व्यक्ति को एतराज नहीं था।
अब हाल के कुछ दिनों में कुछ लोगों ने मोहल्ले के इस नाम से आपत्ति जताते हुए कहा कि इस मोहल्ले का नाम उनके बिरादरी के ही नाम से होना चाहिए और तो और अब कॉलोनी का बोर्ड भी उसी नाम से लगेगा।
मोहल्ले वासियों का क्या है कहना?
वर्षों से रह रहे शिवपुरी में रहने वाले लोगों ने इस बात पर आपत्ति जताई और कहा कि वार्ड नंबर 6 की वार्ड सदस्य पुरनी देवी के एक अनुशंसा पत्र द्वारा बताया था कि यह शिवपुरी कॉलोनी है और इसी आधार पर सभी सरकारी दस्तावेजों में उन्होंने शिवपुरी कॉलोनी लिखना शुरू कर दिया । सभी पत्राचार इसी नाम से किए जाते रहे हैं। साथ ही वहां के लोगों ने कहा कि जो बच्चे स्कूल पढ़ने जाते हैं उन बच्चों के पहचान पत्र पर भी शिवपुरी कॉलोनी जारा टोला का नाम अंकित रहता है। अगर इस कॉलोनी का नाम दोबारा बदला जाएगा तो सभी सरकारी दस्तावेजों में नाम बदलने की जरूरत पड़ जाएगी जो संभव नहीं है।
शिवपुरी कॉलोनी के ही लोगों का कहना है कि यह मामला इसलिए उठाया जा रहा है क्योंकि आने वाले समय में चुनाव है।
वार्ड नंबर 6 के पूर्व सदस्य ने क्या कहा ?
वार्ड नंबर 6 के भूतपूर्व सदस्य रविकांत कुशवाहा ने कहा कि इस कॉलोनी को कई सालों से शिवपुरी के नाम से जाना जाता है और उनके पास जब भी कोई आधार कार्ड या फिर अन्य दस्तावेज बनवाने के लिए आता था उस वक्त भी वह शिवपुरी के नाम से ही अनुशंसा किया करते थे। उसके बावजूद इस तरह का विवाद क्यों उत्पन्न हो रहा है उन्हें नहीं मालूम।
प्रशासन का क्या कहना है ?
इस बात को लेकर शिवपुरी कॉलोनी से एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला उपायुक्त संदीप सिंह एवं मुख्य अधिशासी अधिकारी सपन कुमार से भी मुलाकात कर इस परिस्थिति से अवगत करवाया। प्रतिनिधिमंडल ने अधिकारियों से अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि इस तरह से सामाजिक सद्भावना बिगड़ सकती है।
क्या कहना है मुख्य अधिशासी अधिकारी का?
इस बाबत मुख्य अधिशासी अधिकारी सपन कुमार से बात करने पर उन्होंने बताया कि किसी भी कॉलोनी का नाम छावनी परिषद के सदस्यों द्वारा ही पास होने के बाद रखा जाता है। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर छावनी परिषद से बिना पास कराए कोई भी व्यक्ति किसी नाम का बोर्ड लगाता है तो उस पर प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
छावनी परिषद के सदस्यों का क्या होगा निर्णय ?
मामला छावनी परिषद के अधिकारी के पास जा चुका है और यह भी बताया गया कि आने वाले छावनी परिषद के मासिक बैठक में इस विषय को भी लाया जाएगा अब यह देखना दिलचस्प होगा कि छावनी परिषद के सभी सदस्यों द्वारा क्या निर्णय लिया जाता है?
सुलगते सवाल
- पिछले कई वर्षों से शिवपुरी के नाम से विवाद क्यों नहीं उत्पन्न हुआ ?
- क्या इस विषय का आने वाले चुनाव से कोई संबंध है ?
- इस तरह के विवाद उत्पन्न करने वालों के पीछे कौन लोग हैं ?
- अगर इस नाम पर विवाद था तो शिवपुरी कॉलोनी के नाम से अनुशंसा पत्र कैसे जारी हुआ ?
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