अशफ़ाक़ : गोला। जहां एक ओर स्वच्छता को लेकर सरकार और प्रशासन काफी गंभीर है वहाँ प्रखंड के कई उत्क्रमित विद्यालयों में चहारदीवारी का निर्माण नहीं होने के कारण मध्यान्ह भोजन के समय का हाल देखने काबिल होती है।इन स्कूलों में बच्चों के संग जानवर भी मध्याह्न भोजन में शामिल हो जाते हैं। झारखंड शिक्षा परियोजना पिछले दो दशक से स्कूलों के भवन के साथ चहारदीवारी का काम युद्ध स्तर पर कराया।पर अभी भी क्षेत्र के कई स्कूल जहां चहारदीवारी नहीं की गई है।सोहरधार उत्क्रमित मध्य विद्यालय में मध्यान्ह भोजन के समय बकरी और आवारा कुत्ते बच्चों के आसपास मड़राते रहते।मौका पाकर बच्चों की थाली मुह भी लगाते हैं।इसी गांव के एक सामाजिक कार्यकर्ता प्रभात कुमार उपाध्याय ने मध्यान्ह भोजन के समय की स्थिति को देख स्कूल की चहारदीवारी की मांग की है।
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