झारखण्ड केंद्रीय विश्वविधालय के लुप्तप्राय भाषा केंद्र व जनजातीय अध्ययन विभाग की ओर से ब्राम्बे सभागार में भगवान् बिरसा मुंडा की जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम की शुरुआत की गयी। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भगवान् बिरसा मुंडा के वंशज श्री बुध राम मुंडा व बाबा भीम राव अम्बेडकर लखनऊ के कुलपति प्रो संजय सिंह शामिल हुए । प्रो संजय सिंह ने अभिभाषण में कहा कि स्वाभिमान, स्वतंत्रता, संस्कृति की रक्षा के लिए भगवान् बिरसा मुंडा ने अपना जीवन राष्ट्र के प्रति समर्पित कर दिया जिससे आज के युवा को मार्गदर्शन लेना चाहिए कि संसाधनों के अभाव में कैसे जनसेवा व राष्ट्र भक्ति के लिए जनजातीय समाज में अलख जगाई, वही बुधराम मुंडा ने भगवान् बिरसा मुंडा के जीवन काल से जुड़ी कई रोचक बातें साझा की । विश्वविधालय के कुलपति प्रो क्षिति भूषण दास ने मंच से इस अवसर पर एलान किया कि सेंटर फॉर इंडीजीनस नॉलेज एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट को आज से भगवान बिरसा मुंडा सेंटर के नाम से जाना जायेगा । कुलपति ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा का जल, जंगल, जमीन के लिए किया गया संघर्ष हर भारतीय के लिए प्रेरणास्रोत है। हम सभी को संस्कृति के प्रति गर्व करना चाहिए । भगवान बिरसा मुंडा ने हमें त्याग के साथ सेवा भाव कैसे किया जाता है इसकी प्रेरणा भी देते है उनका पूरा जीवन काल राष्ट्रहित को समर्पित रहा। कार्यक्रम में समापन भाषण कुलसचिव प्रो एस एल हरिकुमार ने दिया। इस दौरान भगवान बिरसा मुंडा पर आधारित एक लघु फिल्म भी दिखाई गई। 22 नवम्बर तक हर दिन कई कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।कार्यक्रम के संचालन में डीन डॉ सुचेता सेन चौधरी, डॉ रजनीकान्त पांडे ,डॉ रविन्द्र नाथ शर्मा, डॉ सीमा ममता मिंज, डॉ एम रमाकृष्णन, डॉ तुलसी दास मांझी, डॉ देवेन्द्र विस्वाल, वेंकट नरेश बुरला, डॉ दीपिका श्रीवास्तव, डॉ राजेश कुमार, उप कुलसचिव उज्जवल कुमार, सहायक कुलसचिव शिवेंद्र प्रसाद ने अपनी अहम भूमिका निभाई। सभागार में विश्वविधालय के सभी शिक्षकगण, कर्मचारी, शोधार्थी, छात्र मौजूद रहे।
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