रिपोर्ट: रितेश कश्यप
रामगढ़। रांची रोड स्थित वृंदावन अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर से 2 नवजात शिशु बरामद किए गए आरोप यह लगाया जा रहा है कि वह नवजात शिशु को बेचने की तैयारी थी। वृंदावन अस्पताल में बुधवार की रात बाल कल्याण समिति के पदाधिकारी व गठित जिला पुलिस टीम ने छापेमारी कर दो शिशुओं को बरामद किया । जानकारी के अनुसार बरामद शिशुओं में एक बालक और दूसरी बालिका है। कुछ लोगों का कहना है कि ₹15000 में बच्चों को लाकर पालन पोषण किया जा रहा था और ₹400000 में बेचने की तैयारी थी हालांकि अधिकारियों के तरफ से इस बात की कोई पुष्टि नहीं की गई।
अस्पताल से बरामद दोनों बच्चों को फिलहाल थाना प्रभारी व बाल कल्याण समिति की देखरेख में हजारीबाग भेज दिया गया है। साथ ही इस मामले में वृंदावन अस्पताल की संचालिका डॉ मालती चार जिनकी उम्र 74 वर्ष है उन पर बच्चों को खरीद बिक्री का आरोप लगाया गया।
गुरुवार को डॉक्टर मालती चार को सुबह रामगढ़ पुलिस ने पूछताछ के लिए थाने लाई । पूछताछ के दौरान डॉ मालती ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से नकार दिया। हालांकि बच्चों के माता-पिता के सवाल पर डॉ मालती ने पुलिस को संतोषप्रद जवाब देने में असक्षम दिखी मगर उन्होंने बच्चों को बेचने के आरोपों से इनकार किया।
पुलिस ने उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 370( 5 ) और जेजे एक्ट 80/81 2015 के तहत मामला दर्ज किया है। संध्या 6:00 बजे एसपी प्रभात कुमार के निर्देश पर महिला थाना प्रभारी मिंजराही बीरूआ ने डॉक्टर मालती को शहर से बाहर नहीं जाने के शर्त पर पुलिस थाने से जाने दिया। जाने देने की वजह उनकी उम्र जो 70 साल से अधिक और एक महिला होना बताया गया।
क्या कहना है डॉक्टर मालती का
पुलिस के पूछताछ के दौरान डॉक्टर मालती ने बताया कि कुछ महीने पहले एक महिला और उसके परिजन उनके अस्पताल में आए और मरीज की हालत गंभीर होने की वजह से बिना किसी कागजी कार्रवाई के आनन-फानन में बच्चे को जन्म दिया गया मगर उस बच्चे की मां काफी गंभीर स्थिति में होने की वजह से उनके परिजनों ने उसे जल्दी बाजी में रिम्स हॉस्पिटल के नाम पर वहां से उठाकर ले गए। उसके बाद ना तो उन बच्चों की मां और ना ही कोई परिजन बच्चे को लेने के लिए उनके अस्पताल में आए और साथ ही कहा कि बच्चे भी काफी कमजोर होने की वजह से उनका इलाज अस्पताल में चलाया जा रहा था।
क्या कहा पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने
पत्रकारों से बातचीत के दौरान पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने बताया कि मामला गंभीर है और इसकी जांच निष्पक्ष रुप से की जा रही है और किसी के साथ कोई अन्याय ना हो इसका पूरा ख्याल रखा जाएगा।
क्या कहना है डॉक्टर मालती के समर्थकों का
नाम ना बताने की शर्त पर डॉक्टर मालती के समर्थकों ने बताया कि डॉक्टर साहिबा को इस मामले में जान-बूझकर फसाया जा रहा है क्योंकि डॉक्टर मालती शहर की सबसे पुरानी और प्रतिष्ठित डॉक्टर हैं। उनके समर्थकों ने बताया कि कुछ समय पहले उन्हीं के लेबोरेटरी के एक कर्मचारी के द्वारा उनके मरीजों को आर्थिक क्षति पहुंचाई गई थी जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने उस कर्मचारी को निकाल दिया था मगर उस कर्मचारी ने जाते जाते अभद्र भाषा का प्रयोग किया और गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी जिसके एवज में रामगढ़ थाने में सन्हा भी दर्ज कराया गया था। इसी के परिणाम स्वरूप उन्हें इस तरह से फंसाया गया है।
क्या कहना है आईएमए रामगढ़ के अध्यक्ष का
आईएमए रामगढ़ के अध्यक्ष एसपी सिंह ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि डॉक्टर मालती रामगढ़ के लिए एक जाना माना नाम है और एक प्रतिष्ठित चिकित्सक होने के नाते उनके द्वारा ऐसा कदम नहीं उठाया जा सकता।
क्या कहना है डॉक्टर मालती के गोद लिए हुए पुत्र विकास चार का
डॉ मालती ने पहले भी अनाथ बच्चों का पालन पोषण कर उनको अपने पैरों पर खड़ा करने का काम किया है। थाने में डॉक्टर मालती के ही गोद लिए हुए विकास चार मौजूद थे। विकास ने पत्रकारों को बताया कि उसे नहीं पता कि उसके माता पिता कौन है लेकिन डॉक्टर मालती नहीं उसे पाला पोसा और देश के सबसे अच्छे स्कूलों में उसे पढ़ाया। उसने सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और बाद में डॉक्टर मालती के ही मेडिकल शॉप में उन का हाथ बंटाने लगा। विकास ने बताया कि डॉक्टर मालती उसके जैसे अनाथों की मदद कर उसे अपने पैरों पर खड़ा करने का काम निस्वार्थ भाव से करती आ रही है।
अनसुलझे और सुलगते सवाल
इन सारे घटनाक्रम में डॉक्टर मालती गंभीर आरोप लगे हैं उसके बावजूद सवाल उठना लाजमी है कि
- क्या 74 वर्ष की प्रतिष्ठित डॉक्टर मालती बच्चों के खरीद-फरोख्त में शामिल है?
- क्या डॉक्टर मालती को किसी साजिश के तहत फसाया जा रहा है?
- डॉक्टर मालती के गोद लिए हुए विकास जो आज सॉफ्टवेयर इंजीनियर है उसकी बातें सच्ची है या झूठी?
- डॉक्टर मालती ने उस बच्चे को बचा कर सही किया या गलत?
- आखिर उस बच्चे के माता-पिता या परिजनों ने अपने बच्चे को क्यों नहीं अपनाया?
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