रितेश कश्यप
रामगढ़। हज़ारीबाग में जयंत सिन्हा ने दोबारा कमल खिलाते हुए रिकॉर्ड मतों से अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस के गोपाल साहू को चार लाख से अधिक वोटों से हराकर राज्य में सबसे अधिक वोटों से जीत दर्ज की है। वहीं गिरिडीह से पहली बार अपनी किस्मत आजमा रहे झारखंड के पेयजल व स्वच्छता मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने भी संसद में अपनी जगह पक्की कर ली ।
ज्ञात हो कि गिरिडीह सीट एनडीए कोटे के तहत आजसू को देने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं में काफी असंतोष था, लेकिन आजसू ने यह सीट निकालकर ना केवल एनडीए को मजबूत बनाया साथ ही आजसू की उपस्थिति भी दर्ज कराने में चंद्रप्रकाश चौधरी सफल रहे। हालांकि शुरुआत में भाजपा प्रत्याशी रविंद्र पांडे की नाराजगी जग जाहिर हुई थी मगर अंत में उन्होंने भी भाजपा का साथ देकर आजसू प्रत्याशी चंद्र प्रकाश चौधरी को सहयोग दिया।
जहां तक पता चला है कि भाजपा के अन्य सहयोगी संगठनों ने भी भरपूर सहयोग देकर एनडीए प्रत्याशी चंद्रप्रकाश चौधरी को भारी मतों से विजई बनाने में सफल रहे।
अब सबसे अहम सवाल यह उठता है कि चंद्र प्रकाश चौधरी को केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिल पाती है कि नहीं। वहीं अब यह भी सवाल उठता है कि क्या जयंत सिन्हा को इस बार यशवंत सिन्हा के बिगड़े बोल का लाभ मिलता है या फिर उन्हें सिर्फ हजारीबाग संसदीय सीट से ही संतोष कर लेना पड़ेगा ?
वैसे अगर चुनौतियों की बात करें तो गिरिडीह लोकसभा के मतदाताओं को रामगढ़ में किए गए विकास का हवाला देकर उनसे वोट लिए गए इसलिए गिरिडीह की जनता भी सीपी चौधरी से वही उम्मीद रखेगी। हजारीबाग लोकसभा की बात करें तो मतदाताओं की जयंत सिंहा से नाराजगी के साथ ही जयंत सिन्हा मजबूरी है मोदी जरूरी है के नारे के साथ मोदी की लोकप्रियता ने श्री सिन्हा को जीत के मुकाम तक पहुंचाया क्योंकि अधिकतर मतदाताओं का यही कहना था कि देश हित के लिए मोदी के अलावा कोई विकल्प नहीं।
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